आज फिर से अजनबी बन जाएं हम एक दूसरे को भूल जाएं हम आज फिर से अजनबी बन जाएं हम एक दूसरे को भूल जाएं हम
फुरसत के पलों में खुद से जो नज़रे मिलीं यकीं मानो खुद से मोहब्बत हो गई। फुरसत के पलों में खुद से जो नज़रे मिलीं यकीं मानो खुद से मोहब्बत हो गई।
मुहब्बत मुहब्बत
उनकी चाहत में जुगनू सी पल पल जली मैं बढ़ गये अपने कदम मुहब्बत की गली में। उनकी चाहत में जुगनू सी पल पल जली मैं बढ़ गये अपने कदम मुहब्बत की गली में।
एक मुहब्बत थी मेरी, जो दो हिस्सों में बंट गयी, एक तरफ तेरी बेवफाई, दूजी मेरी तन्हाई रह गयी ... एक मुहब्बत थी मेरी, जो दो हिस्सों में बंट गयी, एक तरफ तेरी बेवफाई, दूजी मेरी तन्...